मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

भले कोई उमर हो सब

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3 टिप्‍पणियां:


  1. अभी भी सच में, उनका मुस्कुराना याद है हमको,
    जहाँ छुप छुप के मिलते थे, ठिकाना याद है हमको,
    जीवन के वक्त-ऐ-दरिया में, सच में, एक एक करके,
    यादों को सलीके से, बहाना, याद है हमको,
    तुमने बात छेड़ी है, तो हम भी क्यों रहें पीछे,
    मोहब्बत तो मोहब्बत है, निभाना याद है हमको.

    SHAM SUNDER KUMAR
    kumarshamsunder@gmail.com

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